अनिल सिंह की रिपोर्ट: देश के बड़े अस्पतालों में से एक सफदरजंग अस्पताल के भ्रष्टाचार के मामले में एक डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद इस मामले ने कुछ ऐसा तूल पकड़ा की दिल्ली सरकार अपने पूरे एक्शन मोड में नजर आ रही है। आए दिन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज दिल्ली सरकार के किसी न किसी अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं
जैसे कि बीते इतवार की सुबह दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज अचानक ही लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए उनके इस तरह अचानक अस्पताल मे पहुंच जाने से अस्पताल प्रशासन एक्शन मोड में आ गया, निरीक्षण के दौरान उन्होंने कई मरीजों से बातचीत करके उनका हालचाल पूछा तथा अस्पताल में मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी ली, निरीक्षण के दौरान अस्पताल के कई बड़े अधिकारी उनके साथ मौजूद थे।
भारद्वाज ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि देश में ही नहीं बल्कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को नियंत्रित करने के लिए ही अस्पतालों के निरीक्षण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश अनुसार ही करवाए जा रहे हैं। मंत्री भारद्वाज ने पत्रकारों से यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना है कि दिल्ली सरकार के किसी भी अस्पताल में इलाज कराने वाले आए मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, साथ ही में अस्पतालों में दलालों के लिए कोई जगह नहीं है यह औचक निरीक्षण इसलिए भी किया जा रहा है कि क्या कोई दलाल मरीजों से वसूली करके जल्द से जल्द उनका काम कराने का झूठा आश्वासन तो नहीं दे रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन एवं पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह कहा कहा कि इस समय कोरोना का एक नया वेरिएंट (Xbb.1.16) पूरे विश्व में तेजी से पैर फैला रहा है मगर हमें इससे डरने की आवश्यकता नहीं है यह इतना ज्यादा खतरनाक नहीं है, यह फैलता तो है तेजी से मगर ऐसे में हमें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इस इस नए कोरोना के वेरिएंट उन लोगों को खासकर बचकर रहने की जरूरत है जैसे बुजुर्ग और सांस (फेफड़ों से संबंधित रोग) की बीमारियों से ग्रसित मरीज जिनकी रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता आम इंसान से कम है ऐसे मरीजों को कोविड प्रोटोकॉल का अवश्य ख्याल रखना चाहिए। दिल्ली के हर बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन बैड एवं ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, स्वास्थ्य क्षेत्र में पारदर्शिता नजर आए इसलिए हर अस्पताल में कितने बेड भरे हुए हैं और कितने खाली पड़े हैं इसकी जानकारी हेतु डिस्प्ले लगाए हुए हैं जिससे मरीजों को यह पता चल सके कि अस्पताल में जगह है या नहीं है।