यूपी के निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में सियासी गर्मी आ गई है उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है भारतीय जनता पार्टी निकाय चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ना चाह रही है
ताकि लोग उन से प्रभावित होकर वोट करें भारतीय जनता पार्टी मिशन 2024 को ध्यान में रखकर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है गरमाई मुद्दों पर ही होगा उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव जहां पर चार करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे वहीं पर विपक्ष की एकता का भी पता चल जाएगा क्योंकि निकाय चुनाव के नतीजे का भी आकलन होना है कि देश के सबसे बड़े राज्य में जनता क्या जनादेश देगी निकाय चुनाव में 17 नगर निगम 198 नगरपालिका 493 नगर पंचायत हैं

जो राज्य के शहरी क्षेत्रों में आते हैं करीब 4:30 करोड़ लोग इन चुनाव में वोट करेंगे इस प्रकार से 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी में बड़ी जीत हासिल की और रिकॉर्ड स्थापित किया उसमें यूपी का सबसे बड़ा योगदान रहा है 2014 के चुनाव में 80 सीटों में से बीजेपी ने 73 सीटें जीती थी जबकि 19 के चुनाव में 64 जीतने में कामयाब रही यानी 24 के चुनाव में रिकॉर्ड जीत हैट्रिक बनाने के लिए बेकरार है और इसी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि छोटा चुनाव है कोई भी चुनाव को लड़ सकता है
इसके लिए पार्टी ने कोई भी गठबंधन नहीं किया है वही मायावती भी अपने पुराने वोटरों को लुभाने की तैयारी कर रही हैं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आप को सफल साबित करने के लिए निकाय चुनाव में भारी जीत दिलाना चाहते हैं वहीं पर आम आदमी पार्टी ने भी निकाय चुनाव में हुंकार भर दिया देखना यह है कि उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी वोटर को लुभाने में कितना कामयाब होती है
वहीं पर आज आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रधान ने भी भोपुरा वार्ड से नामांकन दाखिल किया और कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि दिल्ली पंजाब की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी भारी मतों से सीटों को जीतेगी और नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षद जीत करके आएंगे.