नेपाल सरकार ने उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया है, जो सरकार द्वारा निर्धारित सात दिन की रजिस्ट्रेशन समयसीमा का पालन करने में विफल रहे. इस कदम के तहत, सरकार ने नेपाल टेलीकॉम को पत्र भेजकर इन प्लेटफॉर्म्स को डी-एक्टिवेट करने का निर्देश दिया था.

नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर आज भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। हजारों की संख्या में युवा, विशेष रूप से Gen-Z लड़के और लड़कियां, आंदोलन में शामिल होकर सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर में घुसने की कोशिश की, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसी के चलते पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।

प्रदर्शनकारियों ने नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के विरोध में आवाज बुलंद की है. इसे ध्यान में रखते हुए काठमांडू में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है.

नेपाल में सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों में मृतकों की संख्या बढ़कर 14 तक पहुंच चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों के चलते मृतकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। विरोध प्रदर्शनों में अब तक कुल छह लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट है। इनमें से चार की मौत नेशनल ट्रॉमा सेंटर में और दो की मौत सिविल अस्पताल में हुई है। संसद भवन के बाहर गोलीबारी की घटनाएं अब भी जारी हैं।

अब तक 35 प्रदर्शनकारी गोली लगने से घायल हो चुके हैं। पोखरा और इटहरी इलाकों से भी गोली चलने की खबरें आई हैं। इसके अलावा, गंडकी प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय पर पोखरा में पत्थरबाजी के मामले भी सामने आए हैं।

प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के गेट नंबर 2 के समीप आगजनी की है, जिससे आग की लपटें तेज़ी से फैल रही हैं। फिलहाल आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। काठमांडू में Gen-Z के प्रदर्शन हिंसक होने के बाद नेपाली सेना को तैनात करने का आदेश दिया गया है। मौजूदा हालात का मूल्यांकन करने के लिए नेपाल सरकार ने आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाई है। इसके साथ ही, पुलिस ने काठमांडू में रात 10 बजे तक के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है।

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