जीएसटी संग्रह पिछले महीने बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। सरकार ने गुरुवार को इसके आंकड़े जारी किए हैं। जीएसटी कलेक्शन की वृद्धि दर 12.6 प्रतिशत दर्ज की गई, जो पिछले 17 महीनों में सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2024 में जीएसटी का संग्रह ₹2.10 लाख करोड़ था। 1 जुलाई 2017 को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा जीएसटी संग्रह है। मार्च 2025 में यह संग्रह ₹1.96 लाख करोड़ था।

जीएसटी राजस्व में तेजी से वृद्धि हुई है।

आंकड़ों के अनुसार, देश के भीतर के लेन-देन से जीएसटी राजस्व 10.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग ₹1.9 लाख करोड़ तक पहुंच गया। आयातित वस्तुओं से प्राप्त राजस्व में 20.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो ₹46,913 करोड़ तक पहुंच गया। अप्रैल में रिफंड जारी करने की राशि 48.3 प्रतिशत बढ़कर ₹27,341 करोड़ हो गई। रिफंड को समायोजित करने के बाद, अप्रैल का नेट जीएसटी संग्रह 9.1 प्रतिशत बढ़कर 2.09 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया।

रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में जीएसटी संग्रह 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 7.3% की वृद्धि है। यह वृद्धि नवंबर में दर्ज 8.5% से कम थी, जो त्योहारी सीजन के बाद खपत में आई कमी का परिणाम थी। बजट में, सरकार ने जीएसटी राजस्व में 11% की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है, जिसमें केंद्रीय जीएसटी और मुआवजा उपकर समेत कुल 11.78 लाख करोड़ रुपये का संग्रह होने की उम्मीद है।

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