देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में पहली बार मई के महीने में 23 मामले दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी इस महीने नए मामले सामने आए हैं।
देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में कोरोना धीरे-धीरे वापसी कर रहा है, जिसके चलते दिल्ली, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अस्पतालों को सतर्क कर दिया है। दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में इस महीने नए मामलों की पुष्टि हुई है। साथ ही, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन साल बाद पहली बार 23 कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए हैं।
हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक कोरोना से संक्रमित अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण ही देखे गए हैं। साथ ही, अभी तक किसी भी संक्रमित मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है। दक्षिण एशिया में कोविड मामलों में हुई वृद्धि संभवतः JN.1 वैरिएंट (ओमिक्रॉन के एक उप-वैरिएंट) के फैलाव के कारण हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैरिएंट काफी “सक्रिय” है, लेकिन इसे अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने “चिंताजनक वैरिएंट” की श्रेणी में शामिल नहीं किया है।
तीन-चार दिन में ठीक हो जा रहे हैं मरीज
कोरोना के JN.1 वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, और अधिकांश संक्रमित व्यक्ति चार दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान और कमजोरी शामिल हैं। दिल्ली में फिलहाल कोरोना वायरस के 23 नए मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए भाजपा सरकार ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग किट और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा है कि चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि नया वैरिएंट सामान्य इन्फ्लूएंजा की तरह ही है।