थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है, जिससे सीमा पर संघर्ष शुरू हो गया है. दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी की है, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं. इस विवाद की जड़ एक पुराने हिंदू मंदिर पर अधिकार को लेकर है, जो लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच विवाद का कारण बना हुआ है.

भारत से लगभग 5,000 किलोमीटर दूर, दक्षिण-पूर्व एशिया के पड़ोसी देश थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव अब खुला संघर्ष का रूप ले चुका है। गुरुवार सुबह से ही दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर भीषण गोलीबारी में उलझी हुई हैं। इस हिंसा की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले, सीमा इलाके में एक लैंडमाइन धमाके में पांच थाई सैनिक घायल हो गए थे। इस घटना से नाराज थाईलैंड ने कंबोडिया से अपना राजदूत वापस बुला लिया और जवाबी कार्रवाई में कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया। उसके तुरंत बाद, अगली सुबह दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू कर दी।

गुरुवार सुबह का पूरा घटनाक्रम-

थाईलैंड के अनुसार, हालिया संघर्ष का आगाज सुबह 7:35 बजे हुआ जब सूरीन के फानोम डोंग राक जिले में ता मुएन थॉम मंदिर के खंडहरों के ऊपर एक कंबोडियाई ड्रोन उड़ता हुआ नजर आया। इसके तुरंत बाद, छह कंबोडियाई सैनिक, जो रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड और अन्य हथियारों से लैस थे, थाई सैन्य अड्डे के सामने बनाए गए कांटेदार तार की सीमा तक पहुंच गए।

थाई सैनिकों ने अपने बेस पर मौजूद कंबोडियाई सैनिकों को चेतावनी दी कि वे गोलीबारी कर किसी भी प्रकार के संघर्ष की शुरुआत न करें. दूसरी आर्मी रीजन के थाई सेना ने फेसबुक पर जानकारी दी कि सुबह 8:20 बजे कंबोडियाई सैनिकों ने ता मुएन थॉम मंदिर के खंडहर से करीब 200 मीटर पूर्व में स्थित मू पा सैन्य अड्डे पर गोलीबारी शुरू कर दी.

थाई सेना ने कंबोडिया पर आरोप लगाया है कि उनकी सेना ने आस-पास के रिहायशी इलाकों में तोपें तैनात की हैं और स्थानीय नागरिकों का मानव ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. थाई सेना के अनुसार, सुबह 8:50 बजे कंबोडिया ने मंदिर के खंडहर पर तोपों से हमला किया, और फिर करीब 9:15 बजे मू पा सैन्य अड्डे के पास स्थित इलाके को लक्ष्य बनाकर गोलीबारी की. इस घटना में एक थाई सैनिक घायल हुआ. थाईलैंड ने जानकारी दी कि सुबह 9:40 बजे कंबोडिया ने सी सा केट प्रांत में डॉन तुआन मंदिर के खंडहर पर बीएम-21 रॉकेट लांचर से हमला किया.

इसके बाद, सुबह 9:55 बजे कंबोडियाई सेना ने कथित तौर पर सुरीन प्रांत के कप चोएंग जिले के एक रिहायशी इलाके को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम तीन नागरिक घायल हुए. स्थिति को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने इलाके से नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कार्रवाई शुरू कर दी है.

थाईलैंड-कंबोडिया के बीच शिव मंदिर विवाद क्या है?

थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ही देश बौद्ध धर्म बहुल देश हैं जहां का रहन-सहन और खान-पान लगभग समान है. दोनों देश अपने मंदिरों को लेकर बेहद संवेदनशील रहे हैं और ऐसे में प्रीह विहार मंदिर पर कंबोडिया के अधिकार का थाईलैंड ने भारी विरोध किया. यह मंदिर 11वीं सदी में बना था जो भगवान शिव को समर्पित है. मंदिर में 800 सीढ़ियां है और इस सांस्कृति धरोहर को UNESCO की हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है.

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