प्रशांत महासागर और उससे जुड़ा ओखोत्सक सागर ऐसा क्षेत्र है, जो अपनी जैव विविधता के लिए मशहूर होने के साथ-साथ भूकंप और सुनामी जैसे विनाशकारी घटनाओं का केंद्र भी बना रहता है। 30 जुलाई 2025 को आए कामचटका भूकंप ने इसकी विनाशकारी क्षमता को एक बार फिर से उजागर किया, जिससे रूस, जापान, हवाई, कैलिफोर्निया, अलास्का, सोलोमन द्वीप, चिली, इक्वाडोर, पेरू, फिलीपींस, गुआम और न्यूजीलैंड सहित 12 देशों में सुनामी का खतरा उत्पन्न हो गया।
रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 तीव्रता के भूकंप ने प्रशांत महासागर में गहरी हलचल पैदा की। इसकी ऊर्जा इतनी जबरदस्त थी कि इसे हिरोशिमा पर गिराए गए 9,000 से 14,000 परमाणु बमों के विस्फोट के बराबर आंका गया है। इस विनाशकारी भूकंप ने 12 देशों में सुनामी का खतरा उत्पन्न कर दिया, जिससे तटीय क्षेत्रों में खौफ और तबाही का माहौल बन गया है।
प्रशांत महासागर दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है, जिसका विस्तार 165.25 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है. इसकी औसत गहराई लगभग 4,280 मीटर है. यह एशिया और ऑस्ट्रेलिया को पश्चिम में और उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका को पूर्व में जोड़ता है. इस महासागर में कई उप-सागर शामिल हैं, जिनमें ओखोत्सक सागर भी एक उल्लेखनीय हिस्सा है.