पंजाब में बाढ़ और लगातार बारिश के कारण हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा के चलते अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि लगभग 2,50,000 लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि आप पार्टी के सभी सांसद और विधायक अपनी एक महीने की सैलरी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है।
पंजाब इन दिनों गंभीर बाढ़ संकट का सामना कर रहा है, जिसने प्रदेश के अधिकांश जिलों में तबाही मचाई हुई है। अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों परिवार अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। लगभग 96,000 हेक्टेयर फसलें पानी में समा गई हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जालंधर, अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना और मानसा बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं।
बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने उदारता का परिचय दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि सभी विधायकों और सांसदों द्वारा अपनी एक महीने की तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की जाएगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक वीडियो में केजरीवाल ने कहा कि पंजाब केवल भारत का एक राज्य नहीं है, बल्कि देश की एक मज़बूत ढाल है। जब भारत को खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ा और बढ़ती जनसंख्या को भोजन उपलब्ध कराने की चिंता थी, तब पंजाब ने हरित क्रांति के दौरान अपने खेतों में बीज और खाद डालते हुए पूरे देश के लिए अनाज पैदा किया। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब ने देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करके देशवासियों की भूख मिटाने का महत्वपूर्ण दायित्व निभाया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पंजाब गंभीर संकट का सामना कर रहा है. राज्य, जिसे देश की “फ़ूड बॉल” के रूप में जाना जाता है, ने वर्षों तक खेतों के लिए जमीन के अंदर से पानी निकालते हुए अपनी प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाया है, और अब यह चुनौतीपूर्ण समय आ गया है.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से जीएसटी के बकाया 50 हजार करोड़ रुपये, 8 हजार करोड़ रुपये RDF और अन्य सहायता की मांग की. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर हाल-चाल लिया और स्थिति की जानकारी प्राप्त की. मान ने यह भी कहा कि जब जल स्तर कम होगा और नुकसान का सही आकलन किया जाएगा, तभी केंद्र से विस्तृत मदद की मांग की जाएगी.

