एशिया कप के तहत रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हुआ। इस मैच के आयोजन को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन किए गए, जबकि दूसरी ओर कुछ लोगों ने टीम की जीत पर शुभकामनाएं दीं।
भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को दुबई में आयोजित क्रिकेट मैच ने देशभर में विभिन्न प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चलते लोगों में गहरा आक्रोश था, जिस कारण पाकिस्तान के साथ मैच खेलने का विरोध किया गया। विरोध के बावजूद, कुछ लोगों ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का हवाला देते हुए इस मैच को जरूरी बताया, जिसके अंतर्गत खेल आयोजित हुआ। भारत की जीत पर हालांकि, कई लोगों ने टीम को तहे दिल से बधाई दी। राजनीतिक दलों और नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दीं, जिनमें से कुछ ने इस मैच का स्वागत किया, तो अन्य ने इसकी आलोचना की। आइए जानें कि इस विवादित मैच के बाद किसने क्या विचार व्यक्त किए।
यहां देखें राजनीतिक हस्तियों के रिएक्शन-
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि यदि आप किसी से दोस्ती कर रहे हैं और वही लोग आपके परिवार के सदस्यों पर हमला करके उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो ऐसे हालात निश्चित रूप से भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। खेल आयोजित किया जाना था, और हमारे खिलाड़ियों ने इसका पूरा सम्मान करते हुए उसे उसी भावना के साथ खेला। जीत हासिल करके, हमारे खिलाड़ियों ने उन पीड़ितों का सही अर्थों में सम्मान किया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम को एशिया कप 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने लिखा, शाबाश लड़को!
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे क्रिकेट मैच को द्विपक्षीय मुकाबले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि भारत एशिया कप में भाग नहीं लेता, तो वह प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगा। उनके अनुसार, ओलंपिक और एशिया कप केवल पाकिस्तान के लिए नहीं हैं; ये वैश्विक आयोजन पूरी दुनिया के लिए हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई द्विपक्षीय मैच अब तक नहीं खेला है और न ही पाकिस्तान में इस प्रकार का कोई मुकाबला आयोजित किया गया है। पाकिस्तान को किसी विशेष निमंत्रण का हिस्सा नहीं बनाया गया है।
रिजिजू ने यह तर्क दिया कि अगर किसी देश के साथ शत्रुता के कारण भारत ओलंपिक जैसे आयोजनों में भाग लेने से पीछे हटता है, तो इससे नुकसान भारत को ही होगा। उन्होंने कहा कि भावनाओं का सम्मान होना चाहिए, लेकिन उनके पीछे एक तर्कसंगत दृष्टिकोण भी आवश्यक है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा द्विपक्षीय मैच भले ही न हो, लेकिन ओलंपिक, एशियाई खेल, विश्व कप और एशिया कप जैसे बहुपक्षीय टूर्नामेंट्स में सभी देश एकसाथ खेलते हैं। इन आयोजनों में भारत और पाकिस्तान के बीच कोई अलग से मुकाबला निर्धारित नहीं होता।

