देश के विभिन्न राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की लगातार हो रही मौतों ने गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में परिवारों ने अत्यधिक कार्यभार, विशेष रूप से SIR से जुड़ी जिम्मेदारियों के दबाव को मुख्य कारण बताया है। उनका कहना है कि ये बीएलओ मतदाता सूची के काम के भारी दबाव तले काम कर रहे थे।

गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के छारा गांव में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और शिक्षक के रूप में कार्यरत अरविंद वाढेर ने अत्यधिक कार्य दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली. इस घटना ने शिक्षा जगत को गहरे सदमे में डाल दिया है और शैक्षिक संगठनों के भीतर गहरा आक्रोश उत्पन्न किया है.

मेरे लिए अब यह सर का काम करना संभव नहीं है।

40 वर्षीय अरविंद वाढ़ेर ने आत्महत्या करने से पहले अपनी पत्नी के लिए एक भावुक सुसाइड नोट छोड़ा। इसमें उन्होंने लिखा कि वह अब इस ‘साहब’ के काम को और अधिक नहीं संभाल सकते। उन्होंने बताया कि वह कई दिनों से लगातार थकान और परेशानी महसूस कर रहे थे। नोट में उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि वह अपना और बेटे का ख्याल रखें। अरविंद ने यह भी लिखा कि वह दोनों से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन अब वह मजबूरी की सीमा पर पहुंच गए हैं और उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा है।

शैक्षिक संघों में बढ़ता हुआ आक्रोश

उन्होंने लिखा कि उनके बैग में SIR के सभी कागजात हैं, जिन्हें स्कूल में जमा करवाना है. उन्होंने अपनी पत्नी संगीता और बेटे कृषय से माफी मांगी. इस घटना के बाद अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, गुजरात प्रांत ने SIR के तहत चल रही शिक्षकों की ऑनलाइन प्रक्रिया का बहिष्कार करने की घोषणा की है और आगे की रणनीति पर विचार जारी है.

काम के बढ़ते दबाव पर उठते सवाल

अरविंद वाढ़ेर की मृत्यु ने मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया में लगे बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की कामकाजी स्थितियों और उन पर पड़ने वाले भारी दबाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। देश के विभिन्न राज्यों में BLOs की लगातार हो रही मौतों ने गंभीर चिंता उत्पन्न की है। इनमें से अधिकांश मामलों में, परिवारों ने अत्यधिक कार्यभार को, विशेष रूप से SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) प्रक्रिया से जुड़े दबाव को, इन मौतों का मुख्य कारण बताया है।

कहां और कितने BLO की जानकारी प्राप्त हुई?

गुजरात के खेड़ा में एक बीएलओ की मृत्यु हो गई, जबकि पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक बीएलओ ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। राजस्थान में भी दो घटनाएं सामने आईं—सवाई माधोपुर में एक बीएलओ का हार्ट अटैक से निधन हुआ, वहीं जयपुर में 16 नवंबर को एक सरकारी स्कूल शिक्षक ने आत्महत्या कर ली। परिवार का कहना है कि वह मतदाता सूची से जुड़े भारी दबाव का सामना कर रहे थे। तमिलनाडु के कुंभकोणम में एक वरिष्ठ नागरिक आंगनवाड़ी बीएलओ ने कथित तौर पर काम के अत्यधिक बोझ से परेशान होकर 44 गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इसी तरह, केरल के कन्नूर में भी एक बीएलओ ने एसआईआर से संबंधित तनाव के कारण अपनी जान दे दी। पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान में 9 नवंबर को एक बीएलओ की ब्रेन स्ट्रोक से मौत हुई, जिसे परिवार ने मानसिक तनाव का परिणाम बताया।

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