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गुरु तेग बहादुर अस्पताल की आपातकालीन सेवा मे एक बार डॉक्टर ने मरीज को किया देखने से इंकार, दिल्ली सरकार के बड़े-बड़े वादों की खुली पोल।

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली दिलशाद गार्डन स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल की आपातकालीन सेवा मे एक बार डॉक्टर ने मरीज को किया देखने से इंकार, दिल्ली सरकार के बड़े-बड़े वादों की खुली पोल। आपको बता दें की घटना 15 तारीख की रात 10:00 बजे की है,जब दीपिका को प्रसव पूर्व दर्द शुरू हुआ तो उनके पति शिवम जो कि दिलशाद कॉलोनी के निवासी हैं, अपनी पत्नी को लेकर वह तुरंत  गुरु तेग बहादुर अस्पताल के आपातकालीन गाइनेकोलॉजी विभाग में लेकर जाते हैं जहां तैनात महिला चिकित्सका जिन्होंने अपना नाम बताने इंकार कर दिया, मरीज दीपिका के पति शिवम की लाख प्रार्थना करने  के बाद भी उन्होंने मरीज को देखने से इंकार कर दिया।

मरीज दीपिका डॉक्टर के सामने दर्द से कराहती रही मगर महिला चिकित्सका पर इसका कोई भी असर नहीं हुआ, उस पर जब मरीज के पति ने महिला चिकित्सका  के खराब आचरण की शिकायत करने को कहा तो उनका जवाब था कि आप किसी से भी मेरी शिकायत कर लीजिए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। अंत में थक हार कर मरीज दीपिका को उनके पति शिवम ने दिलशाद गार्डन स्थित करुणा अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर दीपिका ने एक स्वस्थ कन्या को जन्म दिया।

गुरु तेग बहादुर अस्पताल जमुनापार पूर्वी दिल्ली के बड़े अस्पतालों में गिना जाता है, दिल्ली सरकार की माने तो इसे आप दूसरी भाषा में जमुना पार पूर्वी दिल्ली  का एम्स अस्पताल कह सकते हैं, क्योंकि यहां प्रतिदिन लगभग दस हजार से ऊपर मरीज ओपीडी में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर अपना इलाज करवाते हैं पूरे जमुनापार में इतनी बड़ी संख्या में मरीज किसी भी अस्पताल में नहीं पहुंचते हैं।

खबर लिखे जाने तक पीड़ित ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री,  अस्पताल के निदेशक एवं नेशनल मेडिकल कमीशन को एक शिकायती पत्र लिख दिया है जिसमें उन्होंने गुहार लगाई है कि उपरोक्त विषय में संबंधित अस्पताल की डॉक्टर एवं वहां मौजूदा स्टाफ के खिलाफ उचित दंडात्मक कार्यवाही की जाए और मेडिकल उसूलों के खिलाफ एक सरकारी अस्पताल से इन सभी की सेवाएं तुरंत समाप्त करके एवं इनके लाइसेंस को रद्द करने की सिफारिश मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से की जाए। जिससे कि अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले हजारों मरीजों के साथ इस तरह की घटना दोबारा ना दोहराई जाए।

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