पूर्वांचल विचार मंच एवम चन्द्रकला इंडेन के संयुक्त तत्वावधान में आज ताहिरपुर में गांधी जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय सर्व धर्म समभाव : गांधीवादी परिप्रेक्ष्य था। महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए मंच के अध्यक्ष Dr राकेश रमण झा ने कहा कि गांधी जी ने साउथ अफ्रीका में ट्रेन से बाहर किए जाने के बाद अपने गुस्से को अहिंसक रूप में अंग्रेजो के खिलाफ़ इस्तेमाल किया और उन्हें देश से बाहर निकाल दिया।

भारत में विभिन्न जाति और धर्म के लोग रहते हैं और उनके बीच के वैमनस्य को लोगों के हृदय को जोड़कर ( heart to heart connectivity) के द्वारा ही किया जा सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दिल्ली विधान सभा के स्पीकर श्री रामनिवास गोयल ने कहा कि गांधी बनने के लिए बहुत त्याग की आवश्यकता होती है। अन्य मुख्य अतिथि श्री वजाहत हबीबुल्लाह ने बताया कि गांधी जी ने कुरान से अहिंसा के बारे में बहुत कुछ सीखा था।
मुख्य वक्ता श्री के एन गोविंदचार्य ने कहा कि गांधी सिर्फ आजादी की लड़ाई नहीं लड़ रहे थे वल्कि वे आजादी के बाद समाज के सबसे नीचे के पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचने का मंत्र दे रहे थे। कार्यकर्म को दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री जाकिर खान ने कहा कि गांधी जी ने हिंदू मुस्लिम एकता को स्थापित करने के लिए अपनी शहादत दे दी।भूतपूर्व विधायक श्री वीर सिंह धींगान ने कहा कि गांधी दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए लगातार कोशिश करते रहे। अंत में पूर्व निगम पार्षद श्री सुनील झा ने कहा कि गांधी जी के कार्यों को याद करने से ही देश को सही रास्ता मिल सकता है।
कार्यक्रम में सुनील मित्तल, विनय तिवारी, एन ए करीमी, सत्येन्द्र कुमार, भूदेव शर्मा, राजदेव विश्वकर्मा, कृष्णकांत मिश्र, अहसान, कामिल, रामदुलारे रितेश चतुर्वेदी, पत्रकार अवदेश कुमार, कुमार गौतम, मोहम्मद कलीम, अरविंद कुमार, रविन्द्र सिंह, रितेश झा, Dr Rajesh Grover और मिन्हाज अहमद भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन सुनील झा ने किया।