नई दिल्ली , अरुण शर्मा: 8 घंटे की ड्यूटी की मांग को लेकर लेकर 1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर के मजदूरों ने एक विशाल प्रदर्शन किया लेकिन वहां की पूंजी पतियों की बर्बर सरकार ने सफेद झंडा लेकर प्रदर्शन कर रहे हजारों मजदूरों को गोलियों से भून डाला जिससे सफेद झंडा मजदूरों के खून से लाल हो गया मजदूरों की यह शहादत बेकार नहीं गई तथा दुनियाभर के मजदूरों को 8 घंटे की ड्यूटी का अधिकार मिल गया l
इसके बाद दुनियाभर के तमाम समाजवादी जनतांत्रिक संगठनों तथा ट्रेड यूनियनों द्वारा प्रतिवर्ष 1 मई को शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है lतथा 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है आज मई दिवस के इस अवसर पर जमुनापार संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति की ओर से विश्वकर्मा नगर जिले में स्थित संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई

कार्यक्रम में श्याम सुंदर यादव .उमेश दुबे पुष्पेंद्र सिंह रामसेवक शर्मा श्रीनाथ सिंह. भगत सिंह रावत किशोरी लाल वर्मा आदि नेताओं ने अपने विचार रखे इन नेताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित जमुनापार क्षेत्र के मजदूरों की समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन संयुक्त श्रम आयुक्त को दिया l तथा ज्ञापन में सभी कारखानों के गेट पर कारखाने के नाम व पते का बोर्ड लगाने तथा सभी कारखानों में श्रम कानून सख्ती से लागू कराने पर ज्ञापन में जोर दिया गया l
संयुक्त श्रम आयुक्त द्वारा समस्याओं के समाधान का आश्वासन दियाl कि संयुक्त श्रम आयुक्त की ओर से भी श्रम कार्यालय में मई दिवस का आयोजन किया गया संयुक्त श्रम आयुक्त उप श्रम आयुक्त श्रम अधिकारी तथा भवन निर्माण एवं अन्य मजदूर कल्याण बोर्ड के एस ओ ने उपस्थित मजदूरों को संबोधित करते हुए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया तथा उनको हर प्रकार की मदद करने का आश्वासन दिया l

मजदूर दिवस के मौके पर संयुक्त श्रम आयुक्त विश्वकर्मा नगर में जमुना पार संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति द्वारा मजदूरों के हितों के लिए संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय पर धरना दिया और ज्ञापन सौंपा उसी क्रम में संयुक्त श्रम आयुक्त ने मजदूरों के लिए एक जागरूक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का व्याख्यान किया गया उसमें श्रमिकों के समक्ष आने वाली समस्याओं और उसके निवारण पर चर्चा की गई संयुक्त श्रम आयुक्त उत्तर पूर्वी जिला ने आश्वासन दिया की किसी भी मजदूर को और मजदूर नेताओं को निराशा का सामना नहीं करना पड़ेगा उसके लिए हम वचनबद्ध हैं