भूकंप से तुर्की की जमीन खिसकी अंतर दस फीट तक आया. खिसक कर किधर गई ये भी सामने आ गया. लेकिन अब USGS की सैटेलाइट इमेज से ये बात पुख्ता भी हो चुकी है कि.तुर्की में जमीन ढंग से खिसकी है. यानी जमीन के अंदर मौजूद फॉल्ट लाइन में बड़ी हलचल हुई है. जानिए कहां मिले सबूत…
U.S. Geological Survey यानी भूकंपों की स्टडी करने वाली अमेरिकी वैज्ञानिक संस्था. यह लगातार तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए 7.8 और 7.5 तीव्रता के भूकंपों की स्टडी कर रहा है. अब इस संस्था ने सैटेलाइट इमेज के जरिए इस बात को पुख्ता कर दिया है कि तुर्की में जमीन खिसक गई है|
USGS की तस्वीर में कहा कहा दरारे बानी है वो साफ़ दिख रहा है साथ ही उसमे एक सैटेलाइट इमेज दी है
जिसे मैक्सार के सैटेलाइट ने लिया है|
भूकंप की वजह से फॉल्ट लाइन हिल गई. सतह पर दरार पड़ गई. ये यूएसजीएस की प्राइमरी रिपोर्ट है. लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों को झुठलाया नहीं जा सकता|
ये जगह 7.8 तीव्रता वाले गजियांपेट के करीब पश्चिम दिशा में है|
यूएसजीएस के मुताबिक यह फॉल्ट लाइन में आई दरार करीब 300 किलोमीटर लंबी है. इससे पहले इजमिर डोकुज ईलुल यूनिवर्सिटी में मौजूद अर्थक्वेक रिसर्च एंड एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर और प्रो. डॉ. हसन सोजबिलिर ने कहा हमारी रिसर्च के मुताबिक तीन फॉल्ट लाइन अंदर से टूटी हैं. ये घटना करीब कुल मिलाकर 500 किलोमीटर की दूरी तक में हुई है. तुर्की के एक एक्सपर्ट और अमेरिकी संस्था एक ही बात कह रहे हैं. यानी जमीन खिसकी तो है.
कौन से हिस्से में पड़ा है दरार का ज्यादा असर:-
तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन माइक्रोप्लेट पर मौजूद है. लेकिन दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी हिस्सा अरेबियन प्लेट पर आता है. अरेबियन प्लेट पर आने वाले इलाकों का नाम है- गजियांटेप, अद्यामन, दियारबकिर, सनिलउर्फा, मारदिन, बैटमैन, सिर्त, बिंगोई, मुस, बिटलिस, सिमक, वान, एरजुरम, अग्न, इग्दिन, हक्कारी. USGS की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें सड़क गजियांटेप के पश्चिम में स्थित है. डॉ. कार्लो ने कहा था कि खिसकाव 150 किलोमीटर लंबी दूरी तक दिख रहा है|