धनतेरस तिथि त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 18 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 20 मिनट से होगी। वहीं 19 अक्टूबर रविवार को दोपहर के 1 बजकर 52 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार, जिस दिन प्रदोष काल में कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि लगती है। उसी दिन धनतेरस का त्योहार मनाने की परंपरा है।
धनतेरस काे त्यौहार का हिंदू धर्म में खास महत्व है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस वजह से इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी तिथि के नाम से जाना जाता है। वहीं इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ विष्णु प्रिया माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है। भगवान धन्वंतरि जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, उनके हाथ में अमृत कलश होने की वजह से इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। इस साल धनतेसर का पर्व 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वहीं इस दिन हंस महापुरुष राजयोग, त्रिग्रही योग, बुधादित्य राजयोग और शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
धनतेरस खरीदादी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन खरीदारी के 3 शुभ मुहूर्त है, जिसमें पहला मुहूर्त अमृत काल माना जा रहा है, जो सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। साथ ही लाभ-उन्नति चौघड़िया मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त प्रदोष काल यानी 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है। इस दौरान आप भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
- धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त: सायंकाल : 07:16 से लेकर 08:20 बजे तक
- प्रदोषकाल : सायंकाल 05:48 से 08:20 बजे तक
- वृषभ काल : शाम को 07:16 से 09:11 बजे तक
- यम के दीप जलाने का मुहूर्त: सायंकाल 05:48 से लेकर 07:04 बजे तक
धनतेरस का धार्मिक महत्व
धनतेरस के दिन धन्वंतरि भगवान, विष्णुजी, माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और यमराज की पूजा करने का महत्व होता है। धनतेरस के दिन बर्तन, चांदी, सोना, झाड़ू आदि खरीदना बेहद शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार भगवान धन्वंतरि की पूजा उपासना करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति ऊर्जावान रहता है।
कब और कहां जलाए यम का दीया?
हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन 13 दीयों में से एक दीया मृत्यु के देवता कहलाने वाले यमदेव के लिए विशेष रूप से जलाया जाता है. यम का दीया शुभ मुहूर्त में घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाया जाता है. यम के लिए चार बाती वाला चौमुखा दीया जलाना चाहिए. यम के दीये को जलाने के लिए सरसों के तेल का प्रयोग करें. पूजा की इस प्रक्रिया को यम दीपम या फिर यम के लिए दीपदान कहते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार पूजा के इस उपाय को करने से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है.
धनतेरस पर 13 दीया कहां-कहां जलाना चाहिए?
हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस की शाम को 13 दीये जलाने से सुख-सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है. इन 13 दीये में से पहला दीया घर के बाहर दक्षिण दिशा में यम देवता के लिए जलाया जाता है, जबकि दूसरा दीया धन की देवी माता लक्ष्मी के लिए जलाना चाहिए. इसी प्रकार दो दीये अपने मेन गेट पर अगल-बगल रख दें. इसके बाद एक दीया तुलसी माता के पास रखे. गौरतलब है कि कार्तिक मास में तुलसी के पास दीपदान का बहुत ज्यादा महत्व होता है. इसके बाद एक दीया ब्रह्म स्थान यानि घर के बीचों बीच और बाकी दिये को घर के विभिन्न कोने में रखना चाहिए.
धनतेरस पर जरूर खरीदें ये चीजें
- सोना और चांदी
धनतेरस के दिन सोना और चांदी के गहने या सिक्के खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. कहते हैं कि ये एक काम करने से घर में सुख-समृद्धि प्रवेश करती है.
- बर्तन
इस दिन तांबा और पीतल के बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ होता है. माना जाता है कि इन दोनों धातु के बर्तन लाने अन्न की देवी अन्नपूर्णा देवी बहुत ही प्रसन्न होती है.
- झाड़ू
धनतेरस के दिन अगर आप सोना-चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं, तो इस दिन आप झाड़ू भी खरीदकर ला सकते हैं. कहते हैं कि घर में झाड़ू खरीदकर लाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है क्योंकि झाड़ू को मां लक्ष्मी का ही प्रतीक माना जाता है.
*क्या ना खरीदें
1- तेल- धनतेरस के दिन तेल खरीदना बहुत ही अशुभ होता है.
2- प्लास्टिक- इसके अलावा, इस दिन प्लास्टिक या प्लास्टिक जुड़ी चीजें भी नहीं खरीदनी चाहिए.
3- काले कपड़े- ज्योतिष शास्त्र में काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है. इसलिए, इस दिन काले रंग से जुड़ी कोई भी चीज ना खरीदें.
4- जूते- ज्योतिष शास्त्र में जूतों का शनि से संबंध से माना जाता है. इसलिए, इस दिन यह भी नहीं खरीदने चाहिए.
5- कांच के बर्तन- कांच का संबंध राहु से माना जाता है. इसलिए इस दिन यह भी ना खरीदें.

आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
सम्पर्क सूत्र :- 9005804317

