बैप्टिस्ट चर्च शाहदरा के पासबान विल्फ्रेड सिंह की अध्यक्षता में मनाया गया प्रभु यीशु के महापर्व पमेथोडिस्ट चर्च के पासबान सुनील थाॅमस साहब साथ में हैं भाई सैम्युअल मैसी व बैप्टिस्ट चर्च शाहदरा के पासबान विल्फ्रेड सिंह एंव पास्टर कैनी प्रसाद।
फसह के पर्व से पूर्व यीशू मसीह गदही के बच्चे पर बैठा हुआ यरूशलेम नगर को जा रहा था तो लोगो ने उसके स्वागत के लिए मार्ग में अपने कपड़े बिछाए। और उसके पश्चात उसने नगर के मंदिर की दुर्दशा को देख कर क्रोधित हुआ और मंदिर में सर्राफों के पीढ़े उलट दिए व बेचनेवालों को बाहर निकाल दिया।
याजक और शास्त्री उसके द्वारा किए जा रहे चमत्कारों व उपदेशों से प्रसन्न नही थे क्योंकि वह लोगो को परमेश्वर की राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता था।शास्त्री और याजकों ने षड्यंत्र रचकर उसे पकड़वा दिया, वह हाकिमों को सौंपा गया और उन्होंने उसको क्रूस पर दण्ड की आज्ञा दी।उसको मारा -पीटा गया बर्छी से उसकी पसली को छेदा गया काँटो का मुकुट उसके सर पर रखा गया और इस प्रकार यीशू ने समस्त मानव जाति के उद्धार के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया।
मसीह समाज गुड फ्राइडे के रूप में इस दिन यीशू मसीह के बलिदान को याद करता है।वह गाड़ा गया परन्तू तीसरे दिन मुर्दों में से यीशू का पुनरुत्थान हुआ, वह जीवित हुआ। उसके जीवित उठने की खुशी को ही ईस्टर के रूप में मनाया जाता है।
आज भी वह जीवित है और मेरे एंव आपके मध्य में उपस्थित है।
परमेश्वर आप सभी को बहुतायत से आशीष देवे। फादर विल्फ्रेड सिंह जी का इस मौके पर कथन संसार के लिए प्रभु यीशु मसीह के हवाले से “संस्कृति नही सिखाती आपस में बैर करना भारतीय हैं हम भारतीय हमारी विचारधारा”