
चिकित्सा एक पेशा नहीं बल्कि एक जुनून है। इसकी गरिमा को बनाए रखने और लोगों की स्वास्थ्य देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन ने जिनेवा की घोषणा को सितंबर 1948 में अपनी दूसरी महासभा में अपनाया था
आज दुनिया के बड़े हिस्से में शांति और स्थिरता खतरे में है। विश्व स्तर पर ऐसी ताकतें हैं जो हथियार बेचकर भारी मुनाफा कमाने के इरादे से बाहरी और आंतरिक संघर्ष पैदा करने के लिए तैयार हैं। ऐसी ताकतें हैं जो राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक और जातिगत संघर्ष पैदा करने के लिए बाहर हैं। समाज को इस तरह के खतरे से निजात दिलाने में डॉक्टर प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।
चिकित्सा एक पेशा नहीं बल्कि एक जुनून है। इसकी गरिमा को बनाए रखने और लोगों की स्वास्थ्य देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन ने जिनेवा की घोषणा को सितंबर 1948 में अपनी दूसरी महासभा में अपनाया था। यह घोषणा मानवीय लक्ष्यों के लिए एक चिकित्सक के समर्पण पर प्रकाश डालती है। जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप में किए गए चिकित्सा अपराधों के मद्देनजर यह घोषणा विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी।
चिकित्सा कर्मियों को हर कदम पर समाज और सामाजिक सरोकारों के साथ अपनी पहचान बनानी होगी
मानव शरीर की सामान्य संरचना और कार्यप्रणाली के अध्ययन के अलावा, शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, चिकित्सा में डॉक्टरों को रोग के कारणों और शरीर की संरचना और कार्यप्रणाली में उत्पन्न असामान्यता के कारकों को सीखना पड़ता है। इस विस्तृत अध्ययन के बाद ही कोई रोगी के उपचार की कला सीखता है।
हालांकि बीमारी की रोकथाम पूरे पाठ्यक्रम का मूल है। इसलिए चिकित्सा में किसी को स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों के बारे में सीखना होगा जिसमें आर्थिक स्थिरता, रोजगार, आवास, गरीबी, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, पड़ोस का वातावरण, स्वास्थ्य देखभाल आदि शामिल हैं। बुनियादी जरूरतें जैसे स्वच्छ हवा, स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त सीवरेज सुविधाएं हैं। अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। यदि जिनेवा घोषणा को आदर्श रूप से व्यवहार में लाना है, तो एक चिकित्सक को इन मुद्दों पर संलग्न होना चाहिए।
यह चिकित्सा पेशे का श्रेय है कि इसने कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ आवाज उठाई और लोगों को धूम्रपान और शराब के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया। कई डॉक्टर बीमारों और कमजोरों की सेवा के लिए संघर्ष के क्षेत्रों में गहराई तक जाकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। कई डॉक्टरों ने प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं में भी लोगों को सेवाएं प्रदान की हैं। मरीजों का इलाज करते समय डॉक्टर सीखते हैं कि लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शांति और स्थिरता सबसे महत्वपूर्ण है।
व्रधजनों की सेवा से मिलने वाले आशिशों व आशिर्वादों से ही जीवन उन्नति के पथ पर चलता है ओर हमेशा खुशहाल रहता है डाक्टर शशांक शर्मा
आज शालिमार गार्डन मैं क्लिनिक की शुरुआत करते हुऐ डाक्टर शशांक शर्मा ने बताया कि डाक्टर एक पेशा नहीं जनुन है उनका मानना है कि वरिष्ठ नागरिकों की जीतनी हो सके उतनी सेवा करनी चाहिए इसी कड़ी में उन्होंने निर्णय लिया है मैं अपने पुरे जीवन काल में वरिष्ठ नागरिकों से शुगर जांच ब्लड प्रेशर के पैसे चार्ज नहीं करूंगा
इस अवसर पर प्रमुख श्रैत के समाज सेवी पप्पू पहलवान मनोज कसाना अजय शर्मा जगत बिष्ट सुरेन्द्र सिंह नवीन गोयल डाक्टर जे एस शर्मा डॉ प्रिती शर्मा डाक्टर शशांक आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे